शुक्रवार, जून 30, 2017

उसकी कहानी ( भाग -1 )

अभी बस वो काम ख़त्म करके आरामकुर्सी पर बैठी ही थी कि उसकी आँख लग गयी अचानक डोर बेल बजने पर उसकी नींद टूटी घड़ी की तरफ नजर गयी तो देखा रात के10 बज चुके थे तभी दोबारा बेल बजी इस बार वो फुर्ती से दरवाज़े की तरफ गयी दरवाज़ा खोला तो सामने पुरुषोत्तम खड़े थे !
लगभग गुस्से भरे स्वर में बोले कब से बेल बजा रहा हूँ क्या कर रही थी ???
बस ज़रा आँख लग गई थी , तुम बैठो मैं पानी लाती हूँ !!
पानी रहने दो सीधा खाना लगा दो बहुत भूख लगी है !!
हाँ, ठीक है लगाती हूँ !
खाना लगाते हुए .....आज बहुत देर कर दी आने में बच्चें भी इंतजार करके सो गए !!
हाँ, आज ऑफिस में काम थोड़ा ज्यादा आ गया था ! बच्चों ने तो खाना खा लिया ना ???
हाँ, तुम्हारा इंतजार करते करते खा लिया फिर टीवी देखते देखते सो गए !!
नंदिनी का फ़ोन आया ??
(नंदिनी, पुरुषोत्तम की सबसे बड़ी बेटी है और अभी वो हॉस्टल में रह रही है )
हाँ आया था , थोड़ी परेशान थी
क्यों ????
हॉस्टल में उसके साथ के कुछ बच्चों से उसका झगड़ा हो गया !!
इस बार पुरुषोत्तम फिर गुस्से से बोला , ये लड़की वहाँ पढ़ने गयी है या सबसे लड़ने ?? रोज रोज का तमाशा बना लिया है इसने ....नहीं होती पढ़ाई लिखाई तो कह दो घर वापस आ जाये !!
अरे , आप सुन तो लो एक बार कि हुआ क्या है !!!
नहीं सुनना मुझे कुछ रोज़ का तमाशा है इस लड़की का !!!
अरे, लेकिन एक बार ......
(बीच मे बात काटते हुए) आज तुम विवेक और शशांक की PTM में स्कूल जाने वाली थी ना क्या हुआ ??
हाँ, गयी थी विवेक तो ठीक है स्कूल में, लेकिन शशांक की थोड़ी कम्प्लेन आई है !!
(थाली सरकाते हुए गुस्से से ) पता नहीं इन दोनों की शिकायतें आना कब बंद  होंगी थक गया हूँ इनकी रोज रोज की  सुनते सुनते !!तुम करती क्या हो सारा दिन ध्यान क्यों नहीं रखती इन दोनों का  ???
नंदिनी आपसे बात करना चाह रही थी
कह दो उससे पैसे खत्म हो गए है तो तुम्हें बता दे मैं भेज दूंगा
नहीँ, वो शायद कुछ कहना चाह रही थी
(खाने की टेबल से उठते हुए) मैं सोने जा रहा हूँ सुबह जल्दी उठा देना कल सुबह ऑफिस में मीटिंग है , गुड नाईट !!
गुड नाईट !!!
to be continued .....