मंगलवार, मई 04, 2010

सब हो जायेगा....... अपने पास जुगाड़ है !!!

अक्सर आप सभी ने ये शब्द सुना होगा और सुना क्या होगा खुद इस्तेमाल भी किया होगा हाँ भई आखिर आज के समय में बिना किसी जुगाड़ के कोई काम तो वैसे भी नहीं होता ! अब कल ही बात है  किसी को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना था तो इसके लिए वो आरटीओ के ऑफिस का रास्ता ढूंढने के बजाये लगा कोई जुगाड़ तलाशने की कही से कोई मिल जाये तो लाइसेंस जल्दी बन जाये सही भी है अब इतनी गर्मी में सरकारी दफ्तरों के चक्कर कौन काटे, और वो भी तब जब इनके काम करने की रफ़्तार सभी जानते हो ! खेर बताने की ज़रूरत नहीं की उसका लाइसेन्स कैसे बना होगा ! आप सभी जानते है आपने भी अपने-अपने लाइसेन्स ऐसे ही किसी दलाल या किसी जुगाड़ की मार्फ़त बनवा लिए होंगे, बिना कोई ड्राइविंग टेस्ट दिए, तभी तो आजकल दिल्ली की सडको पर हर तरह का ड्राइवर उपलब्ध है !
वैसे ऐसे कितने काम है जो हम ऐसे ही जुगाड़ लगा कर कर लेते है या करवा लेते है सोचो-सोचो थोडा तो सोच कर देखो ! सोच लिया तो अब बताओ  की उन सब से किस का फ़ायदा हुआ ? ये लो जी कर दिया मैंने मूर्खो वाला सवाल अरे भई फ़ायदा तो आप ही का हुआ बस एक जुगाड़ से सब कुछ हो गया ! लाइसेन्स बन गया,राशन कार्ड बन गया, और राशन कार्ड बन गया तो वोटर आईडी भी बन गया और एक बार वोटर आईडी बन जाये तो फिर तो पासपोर्ट भी बन गया लो जी मुबारक हो इस तरह आप बन गए एक देश के नागरिक, फिर चाहे आप उस देश के नागरिक हो या नहीं लेकिन एक जुगाड़ ने आपको देश की नागरिकता दिला दी ! अब ये तो वास्तव में मिठाई बाटने वाली बात है अरे भई सीधी से बात है एक छोटी सी जुगाड़ कितने फायदे की साबित हुई ! इस एक जुगाड़ से कोई भी ऐरा गेरा नत्थू गेरा बन जाता है किसी भी देश का नागरिक, अरे नहीं-नहीं किसी भी देश का नहीं सिर्फ भारत का क्योकि ये जुगाड़ तो यही चलता है ना ! कभी सोच कर देखा है सिर्फ एक राशन कार्ड बन जाने से ही कोई भी बाहरी हमारे देश की नागरिकता कितनी आसानी से हासिल कर लेता है ! बहुत ज्यादा नहीं सिर्फ 100 -200 रूपये दे कर कोई भी आसानी से राशन कार्ड बनवा लेता है और यही वो एक सबसे बड़ा प्रूफ होता है जिससे आगे की सारी प्रक्रिया चलती है !
कभी-कभी तो अपनी इस जुगाड़ की आदत पर गर्व भी होता है और सच में फक्र से कह भी देती हूँ की हम भारतीय तो वो इंसान है जो ताले के मार्केट में आने से पहले ही उसकी  चाबी  दूंद  लेते  है, भई आखिर  हम अक्ल के धनी जो है ! इसका एक उधारण है ना बिजली के मीटर जिसकी रफ़्तार एक छोटी सी तार से ही रुक जाती है, उधारण तो और भी है लेकिन बता कर क्या फायदा आप सब समझदार है ! वैसे कितना अच्छा लगता है ये सुन कर जब अमेरिका का राष्ट्रपति भी अपने देश के नागरिको से कह देता है की अगर भारतीयों विद्यार्थियों से आगे निकलना है तो हमे उनके जैसे सोचना पड़ेगा ! बोले तो जुगाड़ी बनना पड़ेगा ! जहां किसी देश में किसी प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए विद्यार्थी गढ़ मेहनत करते है वही यहाँ के विद्यार्थी मास्टरों की जेब गर्म करते है और जो नहीं कर पाते वो मुन्ना भाई बन जाते है ! हालाँकि सभी ऐसे नहीं होते, मैंने भी अपनी डिग्रिया  मेहनत से हांसिल की है मुन्ना भाई बन कर नहीं !
अभी कुछ दिन पहले एक फिल्म आई थी जिसका नाम था "रण" और उसको देखने के बाद तो मिडिया पर से भी भरोसा उठने लगा ! वैसे भी अक्सर नेता और अभिनेता ये कह भी देते है कि हमारे बारे में गलत छापा गया तब सुन कर लगता था कि हाँ आज ये पकड़ा गया तो ऐसा कह रहा है ! लेकिन अब धीरे-धीरे चीज़े समझ आने लगी और यही याद आया कि जब "हर शाख पर उल्लू बैठा हो, तो अंजामे गुलिस्ता क्या होगा ?"
फिर सोचा कि क्यों ना इस सबके खिलाफ आवाज़ उठाई जाए तो अचानक एक और दोहा याद आया कि "अकेला चना क्या भांड फोड़े" और साथ ही साथ बाबा रामदेव भी याद आ गए जिनके इस सबके खिलाफ आवाज़ उठाने को लेकर कुछ राजनीतिज्ञों ने उन्हें सनकी तक कह दिया ! फिर अचानक टीवी पर एक विज्ञापन देखा जिसकी टेग लाइन है "आज से खिलाना बंद और पिलाना शुरू" पर ये भी कुछ असर दिखाती नज़र नहीं आ रही तो क्या करे हम भी मूक और बधिर बन कर तमाशा देखे या कुछ करे या फिर सच में इस देश का कुछ नहीं हो सकता ??????

7 टिप्‍पणियां:

  1. हमारा देश एक ऐसा प्रजातंत्र है जहाँ सरकार उन लोगों द्वारा चुनी जाती है जो वोट नहींदेते हैं. वैसे ही ये जुगाड़ के तंत्र तभी तक सक्रिय हैं, जब तक हम आप जैसे लोग सो रहे हैं. आपने टीवी के एक विज्ञापन की बात कही है, मैं भी वही कहना चाहता हूँ . उठो नहीं जागो, अभी भी देर नहीं हुई है.
    अच्छी रचना… हमारे लिए आपने एक सवाल छोड़ा था. हमने चेष्टा की है उसका उत्तर देने की. उत्तर तथ्यपरक है. लेकिन आपकी प्रतिक्रिया नहीं आई तो हमें निराशा हुई. कृपया अपना मत अवश्य देंगी.

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  2. "हम किसी को भी सुधार तो सकते ही नहीं हैं। किसी आदत को बदलने में धैर्य चाहिये होता है और वो तो किसी में है ही नहीं...सार्थक पोस्ट."

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  3. क्या आपने कभी कोई जुगाड़ नहीं लगाया?
    मैंने तो लगाया है, इसीलिए उपदेश देने में असमर्थ हूँ.....

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  4. नेता बनने के लिए I.A.S. स्तर की परीक्षा पास करना अनिवार्य हो..
    सभी विभागों की कार्यप्रणाली सरल, पारदर्शी व आमजन के समझ में आने वाली हो ...
    शिक्षा व साक्षरता १००% हो..
    परिवार नियोजन को इतना प्रोत्साहन मिले कि सभी इसे अपनाने के लिए तत्पर हों..
    ...ऐसे कई उपाय हैं जिनके द्वारा भ्रस्टाचार पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकता है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह कि क्या हम थोड़ी सी भी परेशानी सहन कर पाते हैं..!

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  5. दिल को छू गयी हर एक पंक्तियाँ! पर आपके कहने और मेरे पढ़ लेने भर से कुछ नहीं होने का..वक्त आ गया हैं...एक बदलाव लाने का...और ये काम आप लिखने वाले और हम पढने वालों को ही अर्ना होगा...एक बार फिर से कहूँगी .. बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ आपने लाजवाब रचना लिखा है और आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है!

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  6. bhai ye jugadpana to india ki pahchan hai.
    ab is par kuchh kahna jyadti ho jayegi.

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